Wednesday, September 23, 2009
Thursday, September 10, 2009
प्रीतीश नंदी, खुशवंत सिंह
थोडे में कहने की कला - चापलूसी की
ब्लागर निवेदनः यदि आपकी पहुँच हो तो इस लेख को सोनिया गाँधी या राहुल गाँधी को पढ़वा दें। इतना नहीं हो सके तो प्रियंका वाड्रा को ही पढ़वा दें प्लीज या उनके बच्चों को ही बस ! इतना तो हो जायेगा न! हाँ लेकिन लेकिन जरा सावधानी से - उधर वाले लोगों से बचाना, वो भी लाइन में हैं, उनके हाथ पड़ गया तो कभी नहीं पहुँचने देंगे उनतक मुझे। यदि कुछ मिला तो आपको भी खुश कर देंगे, वादा रहा॥ उसूल के पक्के हैं हम भी.
पार्टी से अलहदा नेता – मेरा हमप्याला
ब्लागर संदेशः मिठाई खिलाओ ऐ बीजेपी वालो.... !!!!
मिल गया है तुम्हारे लिये पारस पत्थर, जिसको छू कर ( हमप्याला होकर) कुंदन बन सकते हो तुम। छुआछूत से मुक्ति का औज़ार मिल गया है न पट्ठो..। अब क्या देर है .. तो मंगवालो भई दारू-सारू...
टकाराओ जाम – पारस पत्थर के नाम
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