tag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post198179322436416544..comments2023-10-07T07:02:13.917-07:00Comments on सुनिये - समझिये: नक्सलवादः किसे मारा जाना चाहिये ( पहली किस्त)प्रीतीश बारहठhttp://www.blogger.com/profile/02962507623195455994noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post-22634695230573353462010-05-07T17:08:42.585-07:002010-05-07T17:08:42.585-07:00ज़्यादातर बातें सही कह रहे हो. हिंसा का अंतर्राष्ट्...ज़्यादातर बातें सही कह रहे हो. हिंसा का अंतर्राष्ट्रीय कारोबार बहुत बड़ा है. इसकी रोटी कई सफेदपोशों का पेट पाल रही है. बन्दूक के बल पर जो साधनों और इंसानों की तस्करी और सत्ता की सौदेबाजी हो रही है उसका खेल काफी बड़ा है.<br /><br />बेचारा मजबूर आदिवासी क्या करे. उसके जल स्रोतों में इन मओवादिओं ने ज़हर मिला दिया है उनकी ज़मीन पर बंदूकों का पहरा है. शिकायत करने आते हैं तो मुखबिर कहकर उनका गला रेत दिया जाता है.<br /><br />१०० बात की एक बात. जो गोलियों से कहर बरपाते हैं वे खुद भी कुत्ते की मौत ही मरते हैं. LTTE वाले हों या सद्दाम मामू. माओ का नाम लेने वाले वह्शिओं के पाप का नाला भी अब उफनकर बहने लगा है.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com