tag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post2813067095939021913..comments2023-10-07T07:02:13.917-07:00Comments on सुनिये - समझिये: वोट भले को देना है!प्रीतीश बारहठhttp://www.blogger.com/profile/02962507623195455994noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post-12607701213020617462009-04-25T10:03:00.000-07:002009-04-25T10:03:00.000-07:00waah kya baat hai
aapne sahi prashn uthaya haiwaah kya baat hai <br />aapne sahi prashn uthaya haiअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post-51304025334821506302009-04-25T09:15:00.000-07:002009-04-25T09:15:00.000-07:00लेकिन द्विवेदी जी आंदोलन तो इन्हीं को वोट देने के ...लेकिन द्विवेदी जी आंदोलन तो इन्हीं को वोट देने के लिये किया जा रहा। और अपनी पीठ भी थपथपाई जा रही है। आम मतदाता के सामने समस्या किसी एक का चुनाव करना है, बुद्धिजीवी उसकी दुविधा को कम करने के बजाय बढ़ा रहा है।प्रीतीश बारहठhttps://www.blogger.com/profile/02962507623195455994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7202156119387626311.post-46859611754780214662009-04-25T08:48:00.000-07:002009-04-25T08:48:00.000-07:00आप का हिन्दी ब्लागिंग में स्वागत है। आप वर्ड वेरीफ...आप का हिन्दी ब्लागिंग में स्वागत है। आप वर्ड वेरीफिकेशन हटाएं। टिप्पणी करने में परेशानी होती है। आज का आलेख बहुत सही है। हमारी चुनाव प्रणाली तमाम सुधारों के उपरांत भी ऐसी हो गई है कि उस में सही को चुन पाना संभव नहीं है। उसे बदलने की जरूरत है। लेकिन उसे बदलने के लिए भी संसद की आवश्यकता है जहाँ पहुँचाने के लिए सही व्यक्ति नहीं मिल रहा है। इस लिए जनता को संगठित होना पड़ेगा आंदोलन उठाना पड़ेगा। वर्तमान सत्ता को मजबूर करना पड़ेगा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com